हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "गेरारूल हिकम" पुस्तक से लिया गया है। इस कथन का पाठ इस प्रकार है:
:قال امیرالمؤمنين عليه السلام
جاهِد شَهوَتَكَ وَ غالِب غَضَبَكَ وَ خالِف سوءَ عادَتِكَ، تَزكُ نَفسُكَ، وَ يَكمُل عَقلُكَ وَ تَستَكمِلُ ثَوابَ رَبِّكَ
हज़रत इमाम अली अलैहिस्सलाम ने फरमाया:
अपनी शहवत का मुकाबला करो,अपने गुस्से पर कंट्रोल करो,और अपनी बुरी आदतों की मुखालिफत करो,ताकि तुम्हारा नफ्स पाकीज़ा रहे,अक़्ल कामिल हो और तुम अपने परवरदिगार की अज्र से मुकम्मल इस्तेफ़ादा कर सकों।
गेरारूल हिकम व दोरारूल कलाम,पेज 242 हदीस नं 4919